Thursday, August 16, 2012

दिलशाद!

दिलशाद!
पाक कुरान की पाक आयतों से
चुराया गया तुम्हारा नाम
दिलशाद!
टुकड़े-२ में
बिखेरा गया है तुम्हें,
ठीक वैसे,
कैसे ?
जैसे,
सारी पाक चीज़ें
नापाक कर दी गयी हैं.
(या की जा रही हैं......)

("जनाब कुद्रत उल्लाह शहाब" द्वारा लिखित कहानी, "या खुदा" की पात्रा  है दिलशाद .संभव हो तो अवश्य  पढ़ें .
 'जनाब जुबैर रिज़वी' द्वारा  संपादित कहानी -संग्रह, "फसादात के अफसाने" में 'या खुदा' संकलित है .)