Sunday, September 23, 2012

ये शाम

हमको रुलाती है ये शाम
आज मैं साकी तेरे नाम ।।

प्यार किया हूँ जगजाहिर है
हो जानें दो पीना आम  ।।

मन में प्यास है उनकी खातिर
जाम से महँगा उनका दाम ।।

आज पिला दे इतना साकी
प्यार कहाए आज हराम ।।

मौत दिख रही महँगाई सी
साँस का शेयर गिरा धड़ाम ।।