यादें तेरी जब सताने लगे हैं
ये रातें हमें क्यूँ रुलानें लगे हैं ।।
क़दम दर क़दम नाउम्मीदी की छाया
वो जुगनूँ को सूरज बताने लगे हैं ।।
यहाँ जप रहे हैं सभी नाम तेरा
आया नहीं है,लाने लगे हैं ।।
तुम्हीं बस तुम्हीं हो निगाहों में बैठे
तुम्हीं से सभी कुछ भानें लगे हैं ।।
सितमगर जो वो हैं कुबूले सितम है
शिकायत यही है,क्यूँ जानें लगे हैं।।
ये रातें हमें क्यूँ रुलानें लगे हैं ।।
क़दम दर क़दम नाउम्मीदी की छाया
वो जुगनूँ को सूरज बताने लगे हैं ।।
यहाँ जप रहे हैं सभी नाम तेरा
आया नहीं है,लाने लगे हैं ।।
तुम्हीं बस तुम्हीं हो निगाहों में बैठे
तुम्हीं से सभी कुछ भानें लगे हैं ।।
सितमगर जो वो हैं कुबूले सितम है
शिकायत यही है,क्यूँ जानें लगे हैं।।
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