किस तरह से लड़ रहा है आदमी,
आदमी से,
प्रत्यक्ष आदमी
अप्रत्यक्ष आदमी
सारी समस्या जन्म देता आदमी है .
यह समस्या है कठिन,
इसे मैं जानता हूँ ,
पर देखता हूँ मैं किरण सम्भावना की
यह आदमी ही लड़ रहा है
आदमी से,
यह आदमी ही जीतता है
आदमी से,
आदमी ही सीमा समाप्ति का बोर्ड है
सीमा प्रारंभ का बोर्ड भी आदमी ही है .