गमले में रोपा गया पौधा
हवा की थपकियाँ पा
पालना हुआ है
नवजात बूढ़े हो गए
जनमते ही
मेरे बचपने में,
हवा भारी है
तम्बाखू की गंध से,
पहलवान की पूँछ लंगोट में दुबकी हुयी है
हाँथ का रेडियो कुछ गा रहा होगा,
कमरे की किताबें इंतज़ार में
मुर्गा बनीं
अलमारी में क़ैद हैं
पटाखे के रेफर सरीखा।
फुसफुसाती सी रात मशगूल है
ओस-निर्माण में
कहकहों के बीच,
चिड़ियों के चोंच नुकीले हैं
टूटे हुए पाँव
जीत जायेंगे
सही-सलामत पंख से
कुत्ते भूँखे हैं।
हवा की थपकियाँ पा
पालना हुआ है
नवजात बूढ़े हो गए
जनमते ही
मेरे बचपने में,
हवा भारी है
तम्बाखू की गंध से,
पहलवान की पूँछ लंगोट में दुबकी हुयी है
हाँथ का रेडियो कुछ गा रहा होगा,
कमरे की किताबें इंतज़ार में
मुर्गा बनीं
अलमारी में क़ैद हैं
पटाखे के रेफर सरीखा।
फुसफुसाती सी रात मशगूल है
ओस-निर्माण में
कहकहों के बीच,
चिड़ियों के चोंच नुकीले हैं
टूटे हुए पाँव
जीत जायेंगे
सही-सलामत पंख से
कुत्ते भूँखे हैं।
