मेरे शब्द
संवाद हैं
स्वयं से किये गये।
बरसाती में उलझी हुयी आखिरी गंध
तंदूर में सुरक्षित भूनापन
मुस्कुराहटें हैं;
सम्बन्ध की।
समय घड़ियों से मुक्त है
निरापद भी ;
बह्सीली धुनों में अभंग,
संगीत सदृश।
मेरी रसोईं का दरवाज़ा
आँगन का मकतब* है
मदरसे अनुगृहीत हैं
मकतबों के प्रति;
जूतों की चाल प्रकाश है
घूमता हुआ,
चलना पाँव का है।
*अध्ययन प्राप्ति हेतु आवश्यक मानसिक क्षमता का विकास करना मकतब का दायित्व है।मकतब की समकक्षता स्कूल से है।
*घूमता हुआ प्रकाश,छलावा के सन्दर्भ में प्रयुक्त है।
